उसे हमने बहुत ढूँढा , न पाया
अगर पाया तो खोज अपना न पाया
मुक़द्दर ही पे गर सूदो - जियां(१) है
तो हमने कुछ यहाँ खोया न पाया
सुराग़े - उम्रे -रफ़्ता(२) हो तो क्योंकर
कहीं जिसका निशाने - पा(३) न पाया
कहे क्या हाए जख्मे - दिल हमारा
दहन(४) पाया ,लबे-गोया(५) न पाया
कभी तू , और कभी तेरा रहा गम
गरज़ खाली दिले - शैदा(६) न पाया
नज़ीर उसका कहां आलम में ऐ 'जौक'
कोई ऐसा न पाएगा , न पाया
-जौक
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१.=लाभ-हानि
२=बीती आयु का निशान
३=पदचिन्ह
४=मुँह
५=बोलने वाले होंठ
६=आसक्त मन